Independence Day ESSAY in Hindi

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आगामी 15 अगस्त को भारत अपना 66वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. कुछ ही दिनों बाद भारत की आजादी का वह महापर्व आने वाला है. आजादी के इस महापर्व में कई महान देश भक्तों की आहुति दी गई है तब जाकर यह हमें प्राप्त हुई है. आजादी का सही अर्थ वही समझ सकता है जिसने गुलामी के दिन झेले हों.
Indian Independence History What is Freedom:

क्या है आजादी

आजादी को परिभाषित करना बहुत मुश्किल है. हर इंसान अपनी बुद्धि का सही उपयोग करते हुए आजादी की सीमा तय करता है. हर व्यक्ति स्वतंत्र रहना चाहता है, परंतु इसकी अधिकता कभी-कभी नुकसानदेह साबित होती है.
आजादी का अर्थ है – विकास के पथ पर आगे बढकर देश और समाज को ऐसी दिशा देना, जिससे हमारे देश की संस्कृति की सोंधी खुशबू चारों ओर फैल सके. लेकिन आज हमारी युवा पीढ़ी आजादी के सही मायने भूलती जा रही है. युवा लोग पाश्चात्य संस्कृति से अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं. आज हमें अपनी आजादी का सदुपयोग करते हुए समाज और देश को विकास के पथ पर ले जाना चाहिए.
Whats Freedom for you????:

क्या यही है आजादी

आज बेटी-बेटे को समानता का दर्जा दिया जाता है, लेकिन समाज का माहौल देखते हुए लडकियों की सुरक्षा की दृष्टि से माता-पिता उनकी आजादी की सीमाएं तय कर देते हैं, जो कि किसी दृष्टि से गलत नहीं है. यही बात बेटों पर भी लागू होती है. उन्हें भी अनुशासित करने के लिए समय-समय पर उनकी आजादी की सीमाएं तय करना बहुत जरूरी है. आजादी में संतुलन बहुत जरूरी है.
आज एक जुर्म करने के लिए एक अमीर आदमी को तो कुछ घंटों की सजा या फिर बिना सजा के ही छोड़ दिया जाता है लेकिन एक गरीब आदमी को छोटे से छोटे जुर्म या कभी-कभी जो जुर्म उसने किया भी ना हो उसकी सजा भी मिल जाती है.
Whats Freedom for Youth:

युवाओं के लिए आजादी

वर्षों की गुलामी सहने और लाखों देशवासियों का जीवन खोने के बाद हमने यह बहुमूल्य आजादी पाई है. लेकिन आज की युवा पीढ़ी आजादी का वास्तविक अर्थ भूलती जा रही है. पश्चिमी संस्कृति का अनुसरण कर वह अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से दूर होती जा रही है. इस संदर्भ में किसी कवि ने खूब लिखा है कि:
“भगतसिंह इस बार न लेना, काया भारतवासी की क्यूंकि देशभक्ति के लिए आज भी सज़ा मिलेगी फांसी की”
जिस आजादी के लिए हमने देश के लिए कई महान वीरों की आहुति दी है उस आजादी को ऐसे बर्बाद करना बिलकुल सही नहीं है. हमें देश को भ्रष्टाचार, गरीबी, नशाखोरी, अज्ञानता से आजादी दिलाने की कोशिश करनी चाहिए. देश को शायद आज एक नए स्वतंत्रता संग्राम की जरूरत है लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह आजादी हो कैसी?